यह प्रस्तुति वर्णाश्रम और कृष्ण चेतना पर एक संगोष्ठी का अवलोकन देती है। सेमिनार को दो भागों में प्रस्तुत किया जाएगा। भाग I में वर्णश्रम धर्म का परिचय दिया गया है, जिसमें शास्त्रीय संदर्भों के आधार पर इसके उद्देश्य और प्रकारों पर चर्चा की गई है। इसमें महान आचार्यों से वर्णश्रम पर दृष्टिकोण शामिल हैं और यह ऐतिहासिक अभ्यास हैचार युग। भाग II कृषि समुदायों और गुरुकुल जैसी प्रथाओं के माध्यम से इस्कॉन समुदायों में वर्णाश्रम धर्म के अनुप्रयोग पर केंद्रित है।
वर्णाश्रम
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